साइकोलॉजी के अनुसार सुबह की पहली शुरुआत ही आपके दिमाग को यह संकेत देती है कि आपका दिन कैसा होगा।
अगर आपका दिन खराब होता है तो इसमें आपकी गलती नहीं होती बल्कि आपकी सुबह की शुरुआत की होती है।
आपके रिश्ते या दोस्ती में जैसे ही तीसरे आदमी का आगमन होता है आपका अहमियत पहले की मुकाबले कम हो जाती है।
साइकोलॉजी के अनुसार आपका शरीर जितना अधिक थका हुआ होता है, आपका दिमाग उतना अधिक क्रिएटिव हो जाता है।
साइकोलॉजी के अनुसार आपका शरीर जितना अधिक थका हुआ होता है, आपका दिमाग उतना अधिक क्रिएटिव हो जाता है।
साइकोलॉजी के अनुसार आपका शरीर जितना अधिक थका हुआ होता है, आपका दिमाग उतना अधिक क्रिएटिव हो जाता है।
अगर आप किसी से पहली बार मिलने जा रहे हैं तो हाथों में घड़ी जरूर डाल लेना चाहिए क्योंकि इससे लोग आपको अपने काम के प्रति जिम्मेदार समझेंगे।
मनोविज्ञान के अनुसार जो लोग देर रात तक जगते हैं वैसे लोग ज्यादा रिस्क लेने वाले होते हैं।
जब आप कुछ सोचते सोचते सो जाते हैं तो आपका दिमाग सक्रिय रहता है। इसलिए सोकर उठने के बाद आप थका हुआ महसूस करते हैं।
अगर आप मुस्कुराते हैं तो आपकी खूबसूरती बिना मेकअप के भी 70% बढ़ जाती है और आप अधिक आकर्षक लगते हैं।