बिजली बनाने के पीछे जो नियम है वह है चुम्बक के चलने पर बिजली का पैदा होना।
विज्ञान का यह सिद्धांत है की जब एक चुम्बक को तार से लपेट दिया जाये और चुम्बक घूमने लगे तो तार में बिजली बहने लगती है
या फिर एक तार को किसी छड़ पर लपेट दिया जाए और इसे किसी चुम्बक के बीच में रख कर घुमाया जाए तो इन तारों में बिजली बहने लगेगी।
1431 में माइकिल फेरेड़े नाम के ब्रिटिश वैज्ञानिक ने यह सिद्धांत खोजा था।
उन्होंने ने पाया की एक ताम्बे के तार को किसी चुम्बक के पास घुमाएं तो उस तार में बिजली बहने लगती है।
तब तार मं बिजली पैदा होती है। तार को आप एक बल्ब से जोड़ दें तब यह बल्ब जलने लगेगा।
यह आप अपने घर में भी आसानी से कर सकते हैं।
घूमते हुए तार की यांत्रिक ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा में बदल जाती है।
यांत्रिक ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा में बदल जाती इसी नियम को आधार मानकर चलते हैं सारे बिजली घर।है।
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