वहां हवा में मौजूद नमी संघनित यानी पानी की छोटी-छोटी बूंदों के रूप में जम जाती है।
इन जमी हुई बूंदों पर और पानी जमता जाता है।
धीरे-धीरे ये बर्फ के गोलों का रूप धारण कर लेती हैं।