क्या आप जानते है की हमें किसी चीज के स्वाद का पता कैसे चलता है ?

जीभ हमें स्वाद का ज्ञान कराती है। जीभ मुँह के भीतर स्थित है। यह पीछे की ओर चौड़ी और आगे की और पतली होती है। यह मांसपेशियों की बनी होती है।

इसका रंग लाल होता है। इसकी ऊपरी सतह को देखने पर हमें कुछ दानेदार उभार दिखाई देते हैं, जिन्हें स्वाद कलिकाएं कहते हैं।

ये  स्वाद कलिकाएं कोशिकाओं से बनी है। इनके ऊपरी सिरे से बाल के समान तंतु निकले होते हैं।

ये स्वाद कलिकाएं चार प्रकार की होती है, जिनके द्वारा हमें चार प्रकार की मुख्य स्वादों का पता चलता है।

मीठा, कड़वा, खट्टा और नमकीन जीभ का आगे का भाग मीठे और नमकीन स्वाद का अनुभव कराता है

पीछे का भाग कड़वे स्वाद का और किनारे का भाग खट्टे स्वाद का अनुभव कराता है।

जीभ का मध्य भाग किसी भी प्रकार के स्वाद का अनुभव नहीं कराता, क्योंकि इस स्थान पर स्वाद कलिकाएं प्रायः नहीं होती है।

खाद्य पदार्थों द्वारा भी एक रासायनिक क्रिया होती है, जिससे तंत्रिका आवेग पैदा हो जाते हैं। ये आवेग मस्तिष्क के स्वाद केंद्र तक पहुँचते हैं

और स्वाद का अनुभव देने लगते हैं। इन्हीं आवेगों को पहचान कर हमारा मस्तिष्क हमें स्वाद का ज्ञान कराता है।

क्या आप जानते है की आसमान मैं बिजली क्यों चमकती है