छिपकली की पूँछ दुर्घटनावश नहीं टूटती बल्कि ऐसी परिस्तिथि में यह स्वयं अपने शरीर से इसे झटका देकर अलग कर देती है।
अधिकतर छिपकली की पूंछ इनके शरीर की तुलना में लंबी होती है
और जब ये भयभीत होकर अपनी जान की सुरक्षा के लिए भाग रही होती है तो
दुश्मन का ध्यान दूसरी तरफ मोड़ने के लिए अपनी पूँछ को शरीर से स्वयं ही अलग कर देती है!
पूँछ का टूटा हुआ यह भाग काफी देर तक हिलता ढुलता रहता है
(ये तो आप जानते ही होंगे की हर जीवित का कोई अंग अलग होने पर वो कुछ समय तक हिलता रहता है)
और इससे दुश्मन का ध्यान भटक जाता है, जिससे ये खुद चुपके से वहां से सुरक्षित भाग निकलती है!