शाहजहांनाबाद में स्थित इस मस्जिद का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां की पत्नी फतेहपुरी बेगम ने 1650 में करवाया था. उन्हीं के नाम पर इसका नाम फतेहपुरी मस्जिद पड़ा.
इस मस्जिद में एक कुंड भी है जो सफेद संगमरमर से बना है. अंग्रेज शासकों ने इस मस्जिद को 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद नीलाम कर दिया था.
कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद इस मस्जिद का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1192 में शुरू करवाया था. इसे बनने में चार वर्ष का समय लगा था.
खिड़की मस्जिद - इस दो मंजिला मस्जिद का निर्माण 1380 में फिरोज शाह तुगलक के प्रधानमंत्री खान-ए-जहान जुनैन शाह द्वारा करवाया गया था.
यह मस्जिद हिंदू और मुसलमान कला का एक बेहतरीन नमूना है. एक ओर इसकी छत और स्तंभ भारतीय मंदिर शैली की याद दिलाते हैं,
दिगंबर जैन मंदिर - दिल्ली के सबसे पुराने जैन मंदिर का निर्माण 1526 में हुआ था.
यह चांदनी चौक में स्थित है. यह लाल पत्थरों से बना है, इसलिए यह लाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.
यहां जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की प्रतिमा भी स्थापित है.
छतरपुर मंदिर - दिल्ली के सबसे बड़े और आलीशान मंदिरों में से एक छतरपुर मंदिर गुड़गांव-महरौली रोड पर स्थित है.
यह सफेद संगमरमर से बना हुआ है और इसकी सजावट बेहद आकर्षक है. दक्षिण भारतीय शैली में बना यह मंदिर विशाल क्षेत्र में फैला है.