महाशिवरात्रि कृष्णपक्ष में हरेक चन्द्रमास का चौदहवां दिन या अमावस्या से एक दिन पूर्व शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है।

इस रात्रि में इस ग्रह के उत्तरी गोलार्थ की दशा कुछ ऐसी होती है शरीर में रूप से ऊर्जा ऊपर की ओर चढ़ती है।

योग परंपरा में शिव वे लोग जो अध्यात्म मार्ग पर हैं उनके लिए महाशिवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण है।

शिव की पूजा ईश्वर के रूप में नहीं की जाती बल्कि उन्हें आदि गुरु माना जाता है, वे प्रथम गुरु हैं जिनसे ज्ञान की उत्पति हुई थी।

महाशिवरात्रि की रात हमें इसे अनुभव करने का एक अवसर प्रदान करती है।

शिव का अर्थ है 'वह जो नहीं है।'